अफगानिस्तान से नाटो और अमेरिकी फौजियों के वापसी के ऐलान के बाद अफगानिस्तान पर तालिबान लड़ाकू का तेजी से कब्जा हो रहा है अमरीकी की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार अब तक तालिबान ने 200 जिलों पर कब्जा कर चुके हैं इसके अलावा चीन ईरान पाकिस्तान तजाकिस्तान के सीमाओं पर भी तालिबान का कंट्रोल हो गया है अब बड़ी खबर सामने आ रही है कि तालिबान नेताओं का ईरान और रूस के दौरे के बाद चीन का दौरा किया है सवाल यह है क्या चीन तालिबान को मान्यता देगा?
आपको बता दें इसी महीने ग्लोबल टाइम्स ने अपनी संपादकीय में कहा था कि तालिबान से दुश्मनी चीन के हक में नहीं है उसी के बाद तालिबानी नेताओं का चीन का दौरा हुआ है मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM )की गतिविधियों पर चीन की बढ़ती चिंताओं को लेकर बातचीत की गई है आपको बता तालिबान ने पहले ही चीन को आश्वासन दे दिया था तो किसी भी व्यक्ति को अपने देश की जमीन को किसी देश के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे कि जिसके बाद माना जा रहा है कि तालिबान और चीन के बीच में अफगानिस्तान को लेकर समझौता हो गया है।
अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर तालिबानी नेताओं का चीन दौरा काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि, चीनी पक्ष या तालिबान की तरफ से अभी तक नहीं कहा गया है कि इस बैठक का उद्येश्य क्या था और किन मुद्दों पर बातचीत हुई है यह पहली बार है जब तालिबान के वरिष्ठ नेता ने चीन का दौरा किया है,
तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के साथ शेयर की गई तस्वीरों में तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन भी शामिल है ये फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं है।
तालिबानी नेताओं के चीन दौरे के पीछे पाकिस्तान का हाथ है कुछ समय पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आईएसआई चीफ फैज हामिद ने भी चीन का दौरा किया था और चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात की थी तालिबान द्वारा चीन के बॉर्डर पर कब्जे के बाद चीन को डर सताने लगा था कहि उइगर मुस्लिमों द्वरा चीन को निशाना न बनाया जाने लगे।
طالبان اہم فوجی و سیاسی قوت ہیں، امن و مفاہمت میں ان کا کردار مرکزیت کا حامل ہے۔ چینی وزیرخارجہ
طالبان کے مذاکراتی وفد کا ملاعبدالغنی بردار کی قیادت میں چین کا اہم دورہ، چینی وزیرخارجہ وانگ ژی نےاستقبال کیا۔
طالبان نےیقین دلایاکہ افغان سرزمین کسی دوسرےملک کےخلاف استعمال نہیں ہوگی pic.twitter.com/PNbl0EO5vm— افغان اردو (@AfghanUrdu) July 28, 2021