बिहार में होने वाले चुना’व को लेकर सभी राजनीतिक दलों में तरह तरह की बातें और गतिविधियां बनाई जा रही हैं और चुना’व आयोग ने बिहार में चुना’व कराने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। चुना’व आयोग द्वारा बुलाई गई शुक्रवार को पटना में हुई बैठक में ज़्यादातर राजनीतिक दलों ने मतदान को दो फेज़ में करने की सहमति दी। और बैठक में डिजिटल प्रचार करने की भी बात कही गयी। लेकिन राजद ने इस बात का वि’रोध भी किया और कहा कि ये एक महंगा स्वरूप हैं जिसका भार वो वहन नहीं कर सकते। चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि कोरो’ना के ख’तरे को मद्देनजर रखते हुए राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या में करीब तीस हजार की बढ़ोतरी की गयी।
पटना में हुई शुक्रवार को बैठक के दौरान एनडीए (NDA) की तरफ से जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भाजपा (BJP) ने एक चरण में मतदान कराने की मांग की, और इसके पीछे वजह ये थी कि अब चुना’वी हिं’सा में बहुत कमी आयी हैं और चुनाव का खर्च भी कम आयेगा। साथ ही साथ राज्य की स्तिथि में भी बदलाव आया है और इसके साथ ही विधान परिषद के लंबित चुना’व कराने की भी मांग उन्होंने की है। इन सभी दालों के प्रतिनिधियों ने मांग की थी कि जो मतदान केंद्र में बढ़े हैं उन्हें उसी भवन में अलग से रखा जाये जहां पुराने मतदान केंद्र थे। साथ ही मतदाता सूची से आधार कार्ड को भी लिंक किया जाये।
वही प्रचार को लेकर उनका विचार था कि प्रत्याशियों को घर-घर जाकर प्रचार की अनुमति मिले और वहीं केंद्र सरकार और चुनाव आयोग द्वारा जो भी गाइडलाइंन शीर्ष नेताओं के बारे में तय की जाए उन्हें मानना होगा। वहीं डिजिटल प्रचार का खूब वि’रोध राष्ट्रीय जनता दल द्वारा किया गया उनका कहना है कि उनके पास कोई संसाधन नहीं और अभी से जो पैसे वाले लोग हैं वो चुना’व को प्रभावित करने में लग गये हैं। उन्होंने डिजिटल प्रचार को एनडीए द्वारा की जाने वाली सा’ज़िश बताते हुए कहा कि चुना’व के नतीजों को अभी से प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। उनके अनुसार नेताओं और प्रत्याशी दोनों को प्रचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस बैठक से ये बात साफ जाहिर हो रही है कि बिहार में चुना’व नियमित समय पर ही होंगें और प्रचार के तरीको पर चुनाव आयोग आम सहमति क़ायम करने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि बिहार में पहली बार मतदान पांच चरणों में नहीं होंगे और विपक्षी दलों के पास राज्य में वर्चुअल रैली करने का समर्थन भी नहीं है।