हाल ही में हैद’राबाद में हुए एक कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में रहने वाले सभी हिन्दू हैं और RSS उन सभी के भले की बात सोचता है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत में रहने वाले सभी व्यक्ति एक ही हैं चाहे वो किसी भी तरह की बोली, भाषा बोलते हों या किसी भी क्षे’त्र में रहते हों वो सभी हिन्दू हैं। उनका ये ब’यान उनके ख़ि’लाफ़ हो गया है अब ख़’बरें हैं कि उनके ख़िला’फ़ पुलि’स में शिका’यत द’र्ज करवा दी गयी है।
हैद’राबाद के वरिष्ठ कांग्रेस लीडर वी हनुमं’त राव ने मोहन भागवत के इस ब’यान पर आप’त्ति द’र्ज कर’वाते हुए उनके ख़िला’फ़ LB नगर पुलि’स स्टे’शन में शिका’यत द’र्ज कर दी है। उनका कहना है कि पुलि’स इस माम’ले में ज़रूरी ऐ’क्शन ले। फ़िलहाल L B नगर पु’लिस का कहना है कि उन्होंने अभी शिका’यत पर किसी तरह का के’स नहीं बनाया है वो अभी इस माम’ले में क़ा’नूनी स’लाह लेने की सोच रहे हैं।

बता दें कि हैद’राबाद में अपनी सभा के दौ’रान मोहन भागवत ने भार’तीय कहने की बजा’य भारत की 130 करोड़ की आ’बादी को हिन्दू समाज कहा था। उन्होंने कहा था कि “भारत माता का सपूत, चाहे वह कोई भी भाषा बोले, चाहे वह किसी भी क्षे’त्र का हो, किसी स्वरू’प में पू’जा करता हो या किसी भी तरह की पूजा में विश्वा’स नहीं करता हो, एक हिंदू है। इस संबं’ध में, संघ के लिए भारत के सभी 130 करोड़ लोग हिंदू समाज हैं।
उन्होंने आगे कहा था कि “RSS सभी को स्वी’कार करता है, उनके बारे में अच्छा सोचता है और उन्हें बेहतरी के उच्च स्तर पर ले जाना चाहता है। ये सारा समाज हमारा है और संघ का लक्ष्य ऐसा ही एकजुट समाज बनाना है। हमारा देश परम्परा के अनुसार हिन्दु’त्ववा’दी है। उनके इस ब’यान से सहयोगी पार्टी के प्रमुख रामदास अठावले भी इत्तेफ़ा’क न रखते हुए ब’यान दिया था

रामदास अठावले ने भी अपनी विरो’धात्मक राय देते हुए कहा था कि “मोहन भागवत का ये कहना सही नहीं है कि सभी भारतीय हिन्दू हैं। एक समय था, जब हमारे देश में सभी बौद्ध हुआ करते थे लेकिन अभी हमारे देश में बौद्ध, सिख, हिन्दू, ईसाई, पारसी, जैन और लिं’गायत पं’थों तथा अन्य समु’दायों के लोग रहते हैं। हम सभी को हिन्दू नहीं भारतीय कह सकते हैं अगर मोहन भागवत का अर्थ है ये है तो ये सही होगा।”