एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज मामले को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि निजामुद्दीन मरकज़ के रिहायशी हिस्सों को तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद की मां को हैंड ओवर किया जाए यही नहीं हाईकोर्ट ने पुलिस को यह काम दो दिन के भीतर करने का आदेश दिया है इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने मौलाना साद की मां को ये भी निर्देश दिया कि वो मरकज के किसी और हिस्से में नहीं जाएंगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को फ’टकार लगाते हुए कहा कि कौन सा ऐसा सेक्शन लगा रखा है किसी साइट को रक्षित करने का ये मतलब नहीं होता कि आप उसे लॉक कर दें आप फोटोग्राफ लीजिये और वहां से हटिये आपको बता दें कि तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद की मां ने सबसे पहले निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था जहां पर निचली अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था।
उसके बाद दिल्ली पुलिस ने सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां पर सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी और फिर उन्होंने ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला मौलाना साद की मां के पक्ष में आया हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पुलिस दो दिन के अंदर रिहायशी इलाके की चाभी मौलाना साद की मां को दे ताकि वो वहां रह सकें।
इससे पहले निचली अदालत ने 11 सितंबर को सुनाए गए आदेश में कहा था कि देश के हर नागरिक को संविधान के तहत जीवन और आजादी का अधिकार हासिल है और रिहायशी परिसर तक पहुंच का अधिकार भी इन्हीं अधिकारों में समाहित है निजामुद्दीन के थाना प्रभारी की शिकायत पर तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद और छह अन्य के खिलाफ महामारी कानून, आपदा प्रबंधन कानून (2005) विदेशी कानून और भारतीय दंड संहिता की अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।