देश मे आज कल फ्रॉ’ड बढ़ते जा रहे हैं और ऐसे लोग जिनके पास कोई डिग्री भी नही होती वो लोगों का इला’ज कर रहे हैं। बाद में लोगों को इससे नुक’सान भी उठाना पड़ता है। देश मे झोलाछाप यंही बिना डिग्री वाले डॉक्टर्स से इला’ज कराना लोगों को महंगा पड़ता है। ऊधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) जिले के रुद्रपुर के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ भी कुछ इसी तरह की घ’टना घटी। बताया जा रहा है कि रुद्रपुर (Rudrapur) के रहने वाले युवक के पांव में मोच आने के कारण अपना इलाज कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टर के पास गया था। बताया ये जा रहा है कि उस झोलाछाप डॉक्टर ने उसका द’र्द और ज़’ख्म ठीक करने की बजाए उसको और बढ़ा दिया। उस झोलाछाप डॉक्टर (fake doctor) ने उस युवक का पैर ठीक करने के बजाए उसका पैर ही तो’ड़ दिया।
पु’लिस के द्वारा बताया गया कि, शिवनगर ट्रांजिट कैंप निवासी मान सिंह ने शिकायत की है कि, उसके बेटे मनीष के पैर में 30 जून को मोच आ गई थी। वह बेटे को लेकर इ’लाज के लिए खेड़ा कॉलोनी के हकीम पुत्तन पहलवान के पास गया था। आ’रोप है कि पुत्तन पहलवान और उसके पुत्र रिजवान ने मोच ठीक करने के बजाय पैर ही तो’ड़ दिया। इसकी शिकायत करने पर वो डॉक्टर गली गलौच पर उतर आए और साथ ही धमकी भी दी के पु’लिस से शिकायत करने पर जा’न से मा’र देगा। रुद्रपुर कोतवाल कैलाश चंद्र भट्ट के मुताबिक पु’लिस ने पीड़ित की लिखित शिकायत के आधार पर उस फ़र्ज़ी डॉक्टर और उसके बेटे के खिला’फ मुक’दमा दर्ज कर लिया गया है और इस पूरे मामले की जां’च करी जा रही है।
ट्रांजिट कैंप के इलाके में पुत्तन पहलवान का बड़ा नाम है। दिन ब दिन वह मा’रपी’ट की घ:टनाएं आती रहती हैं। लोग सरकारी अस्पता’लों में पु’लिस के ड’र की वजह से पुत्तन पहलवान से टूटे हुए हाथ पैर का इला’ज करवा लेते है। साथ ही पुत्तन और उसका बेटा भी नीम हकीम का काम करता है। लगभग सभी तरह की दवाइयां जैसे सर्दी, खासी, बु’खार, और द’र्द की सभी दवाएं इनके दवाखाने में मिल जाती हैं। लेकिन मान सिंह के बेटे मनीष पर पुत्तन की हकीमगिरी भारी पड़ गई, क्योंकि बेचारे का पांव ही टूट गया। पु’लिस और स्वास्थ्य विभाग की ये जिम्मेदारी है कि अवैध तरीके से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे लोगों पर शिकंजा कसा जाए और उनको स’ज़ा दी जाए। लेकिन ये दोबो एजेंसियां अपना काम सही से नही दे पा रही हैं। यही वजह है कि समाज में झोलाछाप डॉक्टर का इजाफा होता जा रहा है और ये लोगों से पैसा ऐठते हैं। इन्ही में कुछ उल्टी-सीधी दवा खाकर ठीक हो जाते हैं और कुछ गलत दवा और इला’ज के कारण मौ’त के ग्रास बन जाते हैं।