भाजपा जहाँ एक ओर महाराष्ट्र में शिवसेना और बाक़ी द’लों के कारण विप’क्ष में आ गयी है और इस बात पर अक्सर अपनी र’णनीति बनाती रहती है। एक ओर जहाँ भाजपा के लोग विप’क्ष के ख़िला’फ़ जुटना चाहते हैं वही भाजपा के भीतर भी आपसी मतभेद सामने आ रहा है। बुधवार को एक मराठी चैनल को दिए इंटरव्यू में भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि पिछले साल के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिक’ट न देने में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और गिरीश महाज’न का हाथ है।
इस बातचीत में एकनाथ खडसे ने कहा कि “भाजपा की को’र समिति के कुछ सदस्यों ने अपना नाम गुप्त रखने की श’र्त पर मुझे बताया कि भाजपा की केंद्रीय समिति की इच्छा थी कि मुझे जलगांव से विधानसभा सीट के लिए टिक’ट मिले। लेकिन देवेंद्र फडनवीस और गिरीश महाजन ने इस बात का विरो’ध किया। अब तक की सारे घ’टनाक्र’म को देखा जाए तो ये सिद्ध होता है कि कुछ लोग मेरे ख़िला’फ़ हैं और वो चाहते हैं कि मेरा राजनी’तिक करियर समा’प्त हो जाए।”

भाजपा के कई क्षेत्रों में पिछड़ने को लेकर खडसे ने कहा कि “प्रदेश भाजपा ने उन लोगों को टिक’ट दिया जिनका कोई जनाधा’र नहीं था और इसी कारण हम लोग बु’री तरह पिछ’ड़ गए। महाराष्ट्र से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी चुनाव प्र’चार के लिए बहुत कम बार बुलाया गया, इस तरह से वरिष्ठ नेताओं की अनदे’खी की गयी।”
ग़ौरतलब है कि 2016 में भाजपा के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार से एकनाथ खडसे ने इस्ती’फ़ा दे दिया था क्योंकि उन पर ज़मीन में अनिय’मितता के आरो’प लगे थे। उस वक़्त वो राज्य में राजस्व मंत्री थे और फडणवीस के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री भी थे। एक बार इस्ती’फ़ा देने के बाद वो कभी वापस नहीं आ पाए। उन्हें टिक’ट ही नहीं दिया गया बल्कि उनकी जगह उनकी बेटी को ज़रूर सीट दी गयी लेकिन वो जीत नहीं सकीं।