देश के गर’म माहौ’ल में झारखंड में चु’नाव हुए और आज झारखंड से चु’नाव के नती’जे आने वाले हैं। इस चु’नाव के लिए सभी पार्टियों ने अपना पूरा ज़ो’र लगाया है फिर चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा। झारखंड के चु’नाव के दौ’रान ही NRC और CAA के मु’द्दे ने ज़ो’र पक’ड़ा जिसके कार’ण देश भर में जनता ये सोचने पर मज’बूर हो गयी कि उसकी नागरि’कता को किस तरह क’टघरे में ख’ड़ा किया जा रहा है। इसी दौ’रान होने वाले झारखंड चु’नाव पर भी इसका अस’र सा’फ़ देखा जा सकता है।
अगर रुझा’नों की बात करें तो शुरुआत में ही भाजपा पीछे ह’टती नज़र आयी। कांग्रेस आगे बढ़ते हुए अब कुछ इस क़द’र आगे आ चुकी है कि जीत क़रीब- क़रीब तय ही है वहीं अब तक के रुझा’नों को देखते हुए ये साफ़ है कि भाजपा का झारखंड में आ पाना अब मु’श्किल ही है। झारखंड में 81 सीटों पर चु’नाव हुए हैं, बहुम’त के लिए 41 सीटों पर जीत हासिल करना पर्याप्त होगा। कांग्रेस और सहयोगी पार्टी जे एम एम की कुल मिलाकर 40 सीटों पर बढ़त नज़र आ रही है और ये 40-41 के बीच झू’ल रहा है इसका मतलब है कि कांग्रेस बहुम’त हासिल कर चुकी है जबकि BJP अब तक सिर्फ़ 28 सीटों पर ही अपना अस’र दिखा पायी है।

AJSU, JVM और अन्य के खाते में क्रमशः 6, 4, 3 सीटों की दा’वेदारी है। इस लिहा’ज़ से देखा जाए तो भी कांग्रेस की बढ़त साफ़ कहती है कि झारखंड में सरकार बनाने से उन्हें कोई रो’क नहीं सकता। भाजपा को बराबरी के लिए भी अभी काफ़ी आगे आना होगा जबकि कांग्रेस को बहुमत के लिए एक सीट की ही ज़रूरत नज़र आ रही है। 2014 के चुनावी नती’जे पर नज़र डालें तो पता चलता है कि 2014 से 2019 के बीच झारखंड में कांग्रेस और सहयोगी द’ल JMM ने 15 सीटों की बढ़त हासिल की है जबकि भाजपा के हाथ से 9 सीटें फि’सल गयीं। रुझान कांग्रेस की बहुम’त वाली जीत की ओर इशा’रा कर रहे हैं परिणाम भी इसी अनु’रूप हो सकते हैं।