नागरि’कता संशो’धन क़ा’नून ने देश को तीन हि’स्सों में बाँ’ट दिया है एक जो इसका विरो’ध कर रहे हैं, दूसरे जो इसका सम’र्थन कर रहे हैं और तीसरे वो जो अब तक इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं और चु’प्पी सा’धे बैठे हैं। ऐसे में CAA को सही सा’बित करने और उसके विरो’ध का सिलसि’ला चल ही रहा है। ऐसा ही एक वाक़’या हाल ही में हुआ केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस में।
यहाँ दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों के बीच इस माम’ले में कुछ ऐसा हुआ कि वहाँ बैठे सभी लोग है’रान रह गए। दरअसल भारतीय इतिहास कांग्रेस के मं’च पर केरल के गवर्नर राज्यपाल आरि’फ मोह’म्मद ख़ा’न भारतीय इतिहास कांग्रेस के 80वें सत्र का उद्घा’टन भाष’ण दे रहे थे और उन्होंने नागरि’कता संशो’धन का’नून को लेकर बोलना शुरू किया कि कुछ लोगों ने विरो’ध किया। यही नहीं इतिहा’सकार इर’फान हबी’ब उनसे भि’ड़ गए।

इर’फ़ान हबी’ब ने राज्यपाल की CAA पर कही बात पर गु’स्से का इजहा’र किया। उनका तस्वी’रें केरल के राज्यपाल के आधिका’रिक ट्विटर हैं’डल से शेय’र की गयीं जिस पर इर’फ़ान ह’बीब की राज्यपाल को रो’कने की तस्वी’रें हैं। उन पर इल्ज़ा’म लगाया गया कि उन्होंने राज्यपाल के भा’षण को रो’कने की को’शिश की।
साथ ही सुर’क्षाकर्मि’यों से ध’क्का- मु’क्की भी की। जब राज्यपाल ने CAA को सम’झाने की को’शिश करते हुए मौ’लाना अबु’ल क’लाम आ’ज़ाद को कोट किया तो इर’फ़ान हबी’ब ने कहा कि “अबु’ल कला’म आज़ा’द को नहीं गो’डसे को कोट करना चाहिए”। जब राज्यपाल आरि’फ मोह’म्मद ख़ा’न ने इस माम’ले पर कहा कि “आपको विरो’ध करने का पूरा अधि’कार है, मगर मुझे चु’प नहीं करा सकते।

आगे उन्होंने कहा कि “जब आप बह’स और च’र्चा के दरवा’जे बं’द करते हैं तो आप हिं’सा को ब’ढ़ावा दे रहे हैं।” राज्यपाल ने अपनी बात साफ़ करते हुए कहा कि मैं CAA के माम’ले पर नहीं बोलने वाला था लेकिन जब पहले आने वाले वक्ताओं ने CAA पर बो’लना शुरू किया तो उन्हें लगा कि जो सवा’ल उठे हैं उनका जवा’ब देना ज़रूरी है।