CAA और एनआरसी का विरोध देश के अधिकांश हिस्सों को अपनी चपेट में ले चुका है और लगातार आगे बढ़ता ही जा रहा है। अब इस नागरिकता क़ानून के विरोध प्रदर्श’नों और हिं’सा की आग उत्तर प्रदेश की राजधानी और नवाबों के शहर कहलाने वाले साथ ही साथ अपनी तहज़ीब और तमीज़ के लिए पहचाने जाने वाले लखनऊ शहर तक पहुंच गई है।
हिं’सा और विरो’ध प्रदर्श’नों की आग में जल रहे उत्तर प्रदेश को हिं’सा की आग में झु’लसने से बचाने के लिए और शहर की सदियों से चली आ रही तहज़ीब की पहचान को खोने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी ध’र्माचार्यों और बुद्धिजीवि’यों से आगे आकर सभी के दायित्वों का निर्वहन के लिए साथ देने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि धर्माचार्य और बुद्धिजीवी वर्ग शांति कायम करने में जुटे प्रशासन का पूरा सहयोग करते हुए नागरिकों को इस नागरिकता क़ानून के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री का कथन है कि केंद्र और प्रदेश की सरकार हर नागरिक की सरकार है। इसलिए सरकार और क़ानून व्यवस्था पर विश्वास बनाए रखें, किसी के बहकावे में ना आएं, क़ानून को हाथों में ना लें। यदि नागरिकता क़ानून को लेकर आप सशंकित हैं तो क़ानून को हाथों में लेने की बजाए, प्रधानमंत्री की इस बात पर विश्वास रखें,जो उन्होंने नागरिकता क़ानून के बारे में स्पष्ट कही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की नीति का पालन करते हुए ही कार्य किया जा रहा है। सभी योजनाओं में जाति, मत, और मज़हब से ऊपर उठकर बिना कोई भेदभाव किए, सब के कल्याण के लिए कार्य किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ का कहना था कि हम सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ है। लोगों को किसी बहकावे में आने की ज़रूरत नहीं है। इस नागरिकता क़ानून में भारत के हर नागरिक की सुरक्षा की गारंटी है।