हाल ही में हैद’राबाद में हुए एक कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी हिन्दू हैं और RSS उन सभी के भले की बात सोचता है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत में रहने वाले सभी व्यक्ति एक ही हैं चाहे वो किसी भी तरह की बोली, भाषा बोलते हों या किसी भी क्षे’त्र में रहते हों वो सभी हिन्दू हैं। उनका ये ब’यान भाजपा की सहयोगी पार्टी के नेता को सही नहीं लगा और उन्होंने इस ब’यान पर अपनी आ’पत्ति द’र्ज की है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले जो भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख हैं उन्हें RSS प्रमुख मोहन भागवत का ये ब’यान सही नहीं लगा और उन्होंने इस माम’ले पर अपनी रा’य देते हुए कहा कि “मोहन भागवत का ये कहना सही नहीं है कि सभी भारतीय हिन्दू हैं। एक समय था, जब हमारे देश में सभी बौद्ध हुआ करते थे लेकिन अभी हमारे देश में बौद्ध, सिख, हिन्दू, ईसाई, पारसी, जैन और लिं’गायत पं’थों तथा अन्य समु’दायों के लोग रहते हैं। हम सभी को हिन्दू नहीं भारतीय कह सकते हैं अगर मोहन भागवत का अर्थ है ये है तो ये सही होगा।”

हैद’राबाद में अपनी सभी के दौ’रान मोहन भागवत ने भार’तीय कहने की बजा’य भारत की 130 करोड़ की आ’बादी को हिन्दू समाज कहा था। उन्होंने कहा था कि “भारत माता का सपूत, चाहे वह कोई भी भाषा बोले, चाहे वह किसी भी क्षे’त्र का हो, किसी स्वरू’प में पू’जा करता हो या किसी भी तरह की पूजा में विश्वा’स नहीं करता हो, एक हिंदू है। इस संबं’ध में, संघ के लिए भारत के सभी 130 करोड़ लोग हिंदू समाज हैं”
मोहन भागवत ने आगे कहा कि “RSS सभी को स्वी’कार करता है, उनके बारे में अच्छा सोचता है और उन्हें बेहतरी के उच्च स्तर पर ले जाना चाहता है। ये सारा समाज हमारा है और संघ का लक्ष्य ऐसा ही एकजुट समाज बनाना है। हमारा देश परम्परा के अनुसार हिन्दु’त्ववा’दी है।

मोहन भागवत के इस ब’यान पर रामदास आठवले ने आप’त्ति दर्ज करते हुए कहा कि जनता को सिर्फ़ हिन्दू कहना सही नहीं है बल्कि भारतीय कहना सही होगा। RSS के हिंदू ध’र्म पर ज़ो’र देने की बात पर AIMIM के प्रमुख अस’दुद्दीन ओ’वैसी ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि कहा था कि “RSS चाहती है कि भारत में सिर्फ एक ही ध’र्म रहे लेकिन ऐसा तब तक नहीं होगा, जब तक बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अस्ति’त्व ब’रकरार रहे। यह धरती सभी ध’र्मों में आ’स्था रखती है”