मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहा है. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने एक अहम् बयान दिया है. कल इस तरह की ख़बरें आयी थीं कि एनसीपी की मांग है कि शिवसेना केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापिस ले. एनसीपी कह रही ही कि शिवसेना सांसद अरविन्द सावंत जोकि केंद्र सरकार में मंत्री हैं उन्हें मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए. इस विषय पर अपना पक्ष रखते हुए शरद पवार ने कहा कि मैंने अभी तक इस्तीफ़े के सवाल पर किसी से बात नहीं की है.
ख़बर है कि आज सुबह शिवसेना मंत्री अरविन्द सावंत ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. इससे साफ़ है कि शिवसेना-भाजपा का गठबंधन अब ख़त्म होने की आख़िरी सीढ़ी पर है.उन्होंने कहा कि हम इसके बारे में कांग्रेस से आज बात करेंगे..जो भी फ़ैसला लिया जाएगा सबसे बात कर के लिया जाएगा.आपको बता दें कि आज मुंबई में पवार ने वरिष्ठ एनसीपी नेताओं की मीटिंग बुलाई है. कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई है. आपको बता दें कि शिवसेना को कल राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने बयान में कहा है कि ये भाजपा का घमण्ड है कि उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने से मना कर दिया. राउत ने कहा कि ये महाराष्ट्र के लोगों का अपमान है.. वो विपक्ष में बैठ जाएँगे लेकिन 50-50 फ़ॉर्मूला नहीं मानेंगे जिसको चुनाव से पहले मान रहे थे.इसके पहले कल महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी से से कहा है कि वो महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए इच्छा जताएं.
शिवसेना को आधिकारिक तौर पर सरका’र बनाने का न्योता मिल गया है. शिवसेना कैम्प में इसके बाद ख़ुशी की लहर है. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कोई बयान देंगे.इसके पहले महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष का आ रहा है. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हम राज्य में सरकार नहीं बनाएँगे.
पाटिल ने आगे कहा कि मैंडेट हमें (भाजपा-शिवसेना) को दिया गया था लेकिन शिवसेना ने इसको अप’मानित कर दिया हैं. उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है तो बना ले..हमारी बेस्ट विशेस उनके साथ हैं. आपको बता दें कि शिवसेना-भाजपा का विवाद मुख्यमंत्री पद को लेकर हुआ है. भाजपा पाँच साल अपना मुख्यमंत्री चाहती है लेकिन शिवसेना का दावा है कि भाजपा ने उसके साथ चुनाव से पहले 50-50 फ़ॉर्मूला पर मुहर लगाई थी और अब वो पलट रही है.