उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सियासी बयानबाज़ियों का ऐसा दौर है कि बहुत से नेताओं की ज़ुबान फिसल रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ के ऊपर भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लग रहा है.
Samajwadi Party writes to Election Commission of India, requesting it to issue instructions to CM Yogi Adityanath to use the "language in accordance of the Model Code of Conduct." pic.twitter.com/eJ3Ttu9Yao
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 3, 2022
समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाषा की शिकायत करते हुए चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें पार्टी ने अनुरोध किया है कि आयोग योगी को आदर्श आचार संहिता के अनुसार भाषा का इस्तेमाल करने का निर्देश जारी करें. सपा ने जो पत्र लिखा है उसमें लिखा गया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्तापक्ष से सीएम योगी आदित्यनाथ विपक्ष के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे है, वो मर्यादित, संयत और भद्र भाषा की श्रेणी में नहीं आता है.
इसमें कहा गया है कि लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का कोई औचित्य नहीं है. सपा ने शिकायत की सीएम योगी ने अभी आगरा में 10 मार्च के बाद बुल्डोजर चलने की धमकी दी. इसके अलावा वो लगातार समाजावादी पार्टी के नेतृत्व को गुंडा, मवाली और माफिया बता रहे हैं. इन तमाम बातों के साथ समाजवादी पार्टी ने सीएम योगी के लाल टोपी और गर्मी वाले बयान का भी जिक्र किया है.
सपा के पत्र में लिखा गया है कि सीएम योगी अपनी सभाओं में कह रहे हैं लाल टोपी मतलब दंगाई, इसके साथ ही उन्होंने मुजफ्फर नगर में कहा कि ये जो गर्मी दिखाई दे रही है, ये सब शांत हो जाएगी. ये कैसे शांत होगी, मैं सब जानता हूं. ये भाषा अलोकतांत्रिक और लगातार धमकी देने वाली भाषा बोल रहे हैं.
सपा ने चुनाव आयोग से मांग की कि यूपी में स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्यमंत्री को पद की गरिमा के अनुरूप संयमित, मर्यादित और आदर्श आचार संहिता के अनुकूल भाषा के इस्तेमाल के लिए निर्देश जारी किए जाएं. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल और जनसभा के दौरान सपा के नेता पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि 10 मार्च के बाद वो उनकी गर्मी निकाल देंगे. उनके इस बयान की विरोधी पार्टी ने आलोचना की थी.