पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर राजनिति पूरी तरह से गरमाई हुई है सभी पार्टिया सत्ता पाने के लिए अपना-अपना दाव खेल रही हैबंगाल चुनाव में भाजपा और टीएमसी के बिच टक्कर दिख रही है भाजपा लगातार अपने दाव खेल रही है वही टीएमसी भी सत्ता को बचाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे है सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है पश्चिम बंगाल चुनाव पर सभी की नज़रे टिकी हुई है सभी पार्टिया अपने चुनावी वादों से जनता को लुभाने का पूरा प्रयास कर रही है वही एक दूसरे पर निशाना साध रही है.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर लगातार हमला कर रही हैं। शुक्रवार को टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग ये मुलाकात की, जिसमें कुछ दिनों पहले ही पार्टी की सदस्यता लेने वाले यशवंत सिन्हा भी शामिल थे। टीएमसी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि ममता बनर्जी पर हुए हमले की पुख्ता रिपोर्ट जारी की जाए। बता दें कि निर्वाचन आयोग से मिलने गए इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और सौगत रॉय मौजूद थे।
बैठक के बाद टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा हमने बंगाल की वास्तविकता के बारे में चुनाव आयोग को अवगत कराया है। टीएमसी पोलिंग बूथ के आस-पास केंद्रीय बल की तैनाती नहीं चाहती है, ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे लोगों में भय का माहौल पैदा हो सकता है। साथ ही उन्होंने निर्वाचन आयोग से अपील कर कहा है कि वो पश्चिम बंगाल की आवाम को समझे, वहां अधिकतर लोग बंगाली बोलते हैं और इस ऐसी स्थित में ऐसी ही फोर्स की तैनाती की जाए जो लोगों की भाषा को समझ सके।
इस दौरान मोइना मोइत्रा ने भी कहा कि पोलिंग बूथ के 100 मीटर तैनात होने वाली केंद्रीय बल के फैसले पर पुनः विचार होना चाहिए।बता दें कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से चुनाव होने हैं, जिनके परिणाम 2 मई को आएंगे।